निर्माण घृणा से नहीं, प्यार से होता है, सुख-शान्ति खड्ग पर नहीं फूल पर चलते हैं, आदमी देह से नहीं, नेह से जीता है, बम्बों से नहीं, बोल से वज्र पिघलते हैं। .......नीरज Jul 01, 2018 20025